Gulon Mein
FAIZ AHMED FAIZ, GHULAM QADIR
गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले
गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले
चले भी आओ के गुलशन का कार-ओ-बार चले
गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले
जो हम पे गुज़री सो गुज़री मगर शब-ए-हिज्राँ
जो हम पे गुज़री सो गुज़री मगर शब-ए-हिज्राँ
हमारे अश्क तेरी आकबत सँवर चले
हमारे अश्क तेरी आकबत सँवर चले
क़फ़स उदास है यारो सबा से कुछ तो कहो
क़फ़स उदास है यारो सबा से कुछ तो कहो
कहीं तो बहर-ए-ख़ुदा आज ज़िक्र-ए-यार चले
कहीं तो बहर-ए-ख़ुदा आज ज़िक्र-ए-यार चले
मकाम 'फ़ैज़' कोई राह में जँचा ही नहीं
मकाम 'फ़ैज़' कोई राह में जँचा ही नहीं
जो कू-ए-यार से निकले तो सू-ए-यार चले
चले भी आओ के गुलशन का कार-ओ-बार चले
गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले