Chand Ka Tukda
दुनियाँ कहती तुमको चाँद का टुकड़ा
दुनियाँ कहती तुमको चाँद का टुकड़ा
नासमझ हैं वो उन्हें पता नहीं
नासमझ हैं वो उन्हें पता नहीं कि चाँद तुम्हारा है टुकड़ा
दुनियाँ कहती तुमको चाँद का टुकड़ा
नासमझ हैं वो उन्हें पता नहीं
नासमझ हैं वो उन्हें पता नहीं कि चाँद तुम्हारा है टुकड़ा
दुनियाँ कहती तुमको चाँद का टुकड़ा
घर से ना निकलो तुम कभी भी शाम को
भूल जाएँगे लोग देखना चाँद को
बिना सिंगार कितना चेहरे पे नूर है
मयखानों में भी नहीं वो नैनों में सुरूर है
नैनों में सुरूर है
नहीं देखना ताज महल अब देख लिया तेरा मुखड़ा
नासमझ हैं वो उन्हें पता नहीं
नासमझ हैं वो उन्हें पता नहीं कि चाँद तुम्हारा है टुकड़ा
दुनियाँ कहती तुमको चाँद का टुकड़ा
सूरज की लाली तेरे होंठों पे रहती है
नदिया दीवानी तेरे अश्कों से बहती है
संगमरमर सा बदन खुदा ने तराशा है
तुझे क्या पता तेरा समुंदर भी प्यासा है
समुंदर भी प्यासा है
सिंगार की नहीं ज़रूरत कितना सुंदर मुखड़ा
नासमझ हैं वो उन्हें पता नहीं
नासमझ हैं वो उन्हें पता नहीं कि चाँद तुम्हारा है टुकड़ा
दुनियाँ कहती तुमको चाँद का टुकड़ा