Kaun Is Raah Se Guzarta Hai

Nazir Kazmi

ओ ओ, हो हो हो हो, ओ ओ ओ
आ आ, हा हा हा
ओ हो हो ओ ओ, आ हा हा
हम्म हम्म हम्म, हो हो हो हो, आ हा हा
हो हो ओ ओ ओ आ हा हा
रंग भर दे अंधेरी रातों मे
जाने सुबहे वतन वतन मे, आ आ
फूल झड़ने की शाम आ पहुँची
ना बहारे चमन चमन मे आए
कौन इस राह से गुज़रता है
कौन इस राह से गुज़रता है
दिल यूही इंतज़ार करता है
कौन इस राह से गुज़रता है
कौन इस राह से गुज़रता है

देख कर भी ना देखने वाले
देख कर भी ना देखने वाले
दिल तुझे देख देख डरता है
दिल तुझे देख देख डरता है
कौन इस राह से गुज़रता है
कौन इस राह से गुज़रता है

ध्यान की सीढ़ियो पे पिछले पहर
ध्यान की सीढ़ियो पे पिछले पहर
कोई चुपके से पावं धरता है
कोई चुपके से पावं धरता है
कौन इस राह से गुज़रता है
कौन इस राह से गुज़रता है

दिल तो मेरा उदास है नासीर
दिल तो मेरा उदास है नासीर
शहर क्यू सांय सांय करता है
शहर क्यू सांय सांय करता है
कौन इस राह से गुज़रता है
कौन इस राह से गुज़रता है
दिल यूही इंतज़ार करता है
कौन इस राह से गुज़रता है
कौन इस राह से गुज़रता है

Wissenswertes über das Lied Kaun Is Raah Se Guzarta Hai von पिनाझ मसानी

Wer hat das Lied “Kaun Is Raah Se Guzarta Hai” von पिनाझ मसानी komponiert?
Das Lied “Kaun Is Raah Se Guzarta Hai” von पिनाझ मसानी wurde von Nazir Kazmi komponiert.

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