Apni Roothi Hui Kismat Ko Mana Loon
Shatir Ghaznavi
अपनी रूठी हुई
किस्मत को मना लूँ, तो हंसु
बात बन बन के जो बिगड़ी है
बना लूँ, तो हंसु
अपनी रूठी हुई
किस्मत को मना लूँ, तो हंसु
मुझपे उलफत मे जो गुज़री है
बता लूँ उनको
मुझपे उलफत मे जो गुज़री है
बता लूँ उनको
दिल पे फूकट मे जो बीती है
सुना लूँ, तो हंसु
बात बन बन के जो बिगड़ी है
बना लूँ, तो हंसु
आज पूछा मेरे कातिल ने तड़पने का सबक
आज पूछा मेरे कातिल ने तड़पने का सबक
के बिछते हुए जख़्मो को छुपा लू तो हंसु
बात बन बन के जो बिगड़ी है
बना लूँ, तो हंसु
उनको गैरो से छुड़ा लूँ
तो मेरी बात रहे
उनको गैरो से छुड़ा लूँ
तो मेरी बात रहे
अपने आँसू के मैं पर्दो मे
छुपा लूँ, तो हंसु
बात बन बन के जो बिगड़ी है
बना लूँ, तो हंसु
अपनी रूठी हुई
किस्मत को मना लूँ, तो हंसु