Tum Jo Mil Gaye Ho

KAIFI AZMI, RAGHAV SACHAR

तुम जो मिल गए हो
तो ये लगता है
के जहां मिल गया हां हां हां हां
के जहां मिल गया हां हां हां हां
हुं हुं हुं हुं हुं हुं हुं हुं
एक भटके हुए राही को
कारवाँ मिल गया
तुम जो मिल गए हो
तो ये लगता है
के जहां मिल गया
के जहां ओ ओ मिल गया आ आ आ आ
हुं हुं हुं हुं हुं हुं हुं हुं हुं हुं हुं हुं हुं हुं हुं हुं

बैठो न दूर हमसे
देखो खफ़ा न हो
बैठो न दूर हमसे
देखो खफ़ा न हो
क़िस्मत से मिल गए हो
मिलके जुदा न हो
मेरी क्या ख़ता है
होता है ये भी
की ज़मीं से भी कभी
आसमां मिल गया हुं हुं हुं हुं हुं हुं
के जहां मिल गया
हें हें हें हें हें हें हें हें हें हें

हो ओ ओ ओ ओ ओ ओ
आह तुम भी थे खोए खोए
मैं भी बुझा बुझा
तुम भी थे खोए खोए
मैं भी बुझा बुझा
था अजनबी ज़माना अपना कोई न था
दिल को जो मिल गया है तेरा सहारा
इक नई ज़िंदगी का निशां मिल गया हुं हुं हुं हुं हुं हुं
के जहां मिल गया
हें हें हें हें हें

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