Mahek Ja Baad -e- Saba
Prakash Rahule Aadam
महेक जा बाद ए सबा
महेक जा बाद ए सबा
गुलशन में वो आने को हैं
बुलबुले भी उनके लिए
बुलबुले भी उसस्के लिए
नगमे वाफफा गाने को हैं
माहेक जा बाद ए सबा
आए फूलो तुम खिल खिल जाना
खुसबू ओ को बिखरा देना
आए फूलो तुम खिल खिल जाना
खुसबू ओ को बिखरा देना
आए बेलो तुम मस्तिया बलखाके
इन्न पेड़ो से लिपट जाना
आए सबनम तुम मुश्कूराना ज़रा
आए सबनम तुम मुश्कूराना ज़रा
वो जाने वाफफा आने को हैं
बुलबुले भी उसस्के लिए
बुलबुले भी उसस्के लिए
नगमे वाफफा गाने को हैं
महेक जा बाद ए सबा
उनके आने से आए उजाले
अपने दिल की बाहे पसारे
उनके आने से आए उजाले
अपने दिल की बाहे पसारे
उनके कदमो की हल्की सी आहत से
झूमने लगते हैं वक़्त के धरे
ज़ुलफ बिखरी जो लहराके यहाँ
ज़ुलफ बिखरी जो लहराके यहाँ
तो काली घटा छाने को हैं
बुलबुले भी उसस्के लिए
बुलबुले भी उसस्के लिए
नगमे वाफफा गाने को हैं
माहेक जा बाद ए सबा