Ek Basera

Meer, Soham Naik

आ आ आ आ आ आ

दो दिलों का एक बसेरा
चाहे छोटा सा घर तू मेरा
मैं रात सी तू किरण है
मैने तुझसे पाया सवेरा

आ आ आ आ आ आ

बस होने से तेरे मुझे
घर यह पूरा लगे
तू जो उदास हो जाए तो
सब अधूरा लगे

साथ रंगो के ख्वाब दिखाए
इंद्र-धनुष सा चेहरा

दो दिलों का एक बसेरा
चाहे छोटा सा घर तू मेरा

मैं रात सा तू किरण है
मैने तुझसे पाया सवेरा

स्वर्ग हो या हो अमृत प्याला
सब तुझपे है कुर्बान, आ आ

स्वर्ग हो या हो अमृत प्याला
सब तुझपे है कुर्बान

महल अटारी वही है हमारी
साथ रहे हम जहाँ

दो दिलों का एक बसेरा (दो दिलों का एक बसेरा)
चाहे छोटा सा घर तू मेरा (चाहे छोटा सा घर तू मेरा)
मैं रात सा तू किरण है (मैं रात सी तू किरण है)
मैने तुझसे पाया सवेरा (मैने तुझसे पाया सवेरा)

Wissenswertes über das Lied Ek Basera von सोहम नाइक

Wer hat das Lied “Ek Basera” von सोहम नाइक komponiert?
Das Lied “Ek Basera” von सोहम नाइक wurde von Meer, Soham Naik komponiert.

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