Ishq Khumari
Manish S Sharmaa, Pankaj Dixit, Cinecraft Studio
एक क़तरा तेरे इश्क़ का
साँसों में जब से उतर गया
बेसबर हो गयीं धड़कनें
दिल हद से आगे गुज़र गया
माजरा अजब है ये
मोहब्बत में तेरी
ख़्वाब तेरे देखने को
रातें भी ठहरीं
इश्क़ की मुझपे ऐसी खुमारी
इश्क़ की मुझपे ऐसी खुमारी है
दिल की बातें सारी आंखों से जारी हैं... -2
अंतरा-
अल्फाज़ बनके अक्सर
मेरे लबों पे आया है तू
पढ़ती हूं अक्षर अक्षर
रूह में मेरी समाया है तू
महफ़ूज़ रखा है तुझको
दिल के इक कोने में
मेरा वज़ूद है यारा
बस तेरा होने में
तेरी ही बदौलतों से
इश्क़ है मुकम्मल
शामो सुबह मैं चाहूँ
साथ तेरा हरपल
इश्क़ की मुझपे ऐसी खुमारी
इश्क़ की मुझपे ऐसी खुमारी है
दिल की बातें सारी आंखों से जारी हैं... -2