Aag Lagi Shola Utha

Hafiz Khan, Shevan Rizvi

आग लगी आग लगी
आग लगी शोला उठा
शम्मा पे परवाना गिरा
शम्मा पे परवाना गिरा
पूछ न अंजामे वफ़ा
ये भी जली वो भी जला हाय
आग लगी आग लगी

काट के साहियड़ ने पर
सौंप दिया दर्दे जिगर
काट के साहियड़ ने पर
सौंप दिया दर्दे जिगर
उसपे ये ताकीद मगर
आहे न भर ल ले नज़र
इश्क़ है क्या देख लिया
इश्क़ है क्या देख लिया
ये भी जली वो भी जला हाय
आग लगी आग लगी

दिल की तड़प दिल में रहे
सबकी सुने कुछ न कहे
दिल की तड़प दिल में रहे
सबकी सुने कुछ न कहे
दर्द सहे ज़ुल्म सहे
अश्क़ न आँखों से बहे
ये है मोहब्बत का मज़ा
ये है मोहब्बत का मज़ा
ये भी जली वो भी जला हाय
आग लगी आग लगी

बिजलिया गुलशन पे गिरी
फूल कही भवृ कही
बिजलिया गुलशन पे गिरी
फूल कही भवृ कही
ख्वाब था ये कितना हंसी
आज हुआ हमको यकी
प्यार का अंजाम बुरा
प्यार का अंजाम बुरा
ये भी जाली वो भी जला हाय
आग लगी आग लगी
आग लगी शोला उठा
शम्मा पे परवाना गिरा
शम्मा पे परवाना गिरा
पूछ न अंजामे वफ़ा
ये भी जली वो भी जला हाय
आग लगी आग लगी

Wissenswertes über das Lied Aag Lagi Shola Utha von शमशाद बेगम

Wer hat das Lied “Aag Lagi Shola Utha” von शमशाद बेगम komponiert?
Das Lied “Aag Lagi Shola Utha” von शमशाद बेगम wurde von Hafiz Khan, Shevan Rizvi komponiert.

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