Aaya Holi Ka Teohar

Anand Bakshi

आया होली का त्योहार
लेके रंगो की बाहर

चली पनघट को एक मतवाली
रास्ते मे किसी ने रंग डाली
रास्ते मे किसी ने रंग डाली

आया होली का त्योहार
लेके रंगो की बाहर
चला खेतो को एक मतवाला
रास्ते मे किसी ने रंग डाला
रास्ते मे किसी ने रंग डाला

घरवाले पूछे गयी क्यू अकेली
जग वाले छेड़े कहा रंग खेली
मेरा क्या बतादूँगी
मेरा हाल ये किसने किया
हो लोग मगर कुछ ओर ना समझे
हो लोग मगर कुछ ओर ना समझे
नाम किसी का लेते तेरा
मुझदा जो सरमाया

आया होली का त्योहार
लेके रंगो की बाहर

चला खेतो को एक मतवाला
रास्ते मे किसी ने रंग डाला
रास्ते मे किसी ने रंग डाला

कहा जाती हो गोरी बहाना करके

छोड़ो गे क्या दीवाना करके
बोलो छोड़ो गे क्या दीवाना करके

मेरी चुनरी कहे भिगोई इस
जुल्मी से पूछो रे कोई
मेरी चुनरी कहे भिगोई इस
जुल्मी से पूछो रे कोई
जुल्मी से पूछो रे कोई
जुल्मी से पूछो
नखरा अब के में क्यू रोई
इस जुल्मी से पूछो रे कोई

हो दोनो का है दोष बराबर
दोनो का है दोष बराबर
हमने रंग लगाया
तूने दिल का रोग लगाया

आया होली का त्योहार
लेके रंगो की बाहर
चली पनघट को एक मतवाली
रास्ते मे किसी ने रंग डाली
रास्ते मे किसी ने रंग डाली

ना घबरा रंग है
कचा छूट जाएगा
ना सर्मा वरना
ये दिल टूट जाएगा

रंगना है तो बेदर्दी
मुझे प्यार का रंग लगा

प्यार से पहले सोच संझले
प्यार से पहले सोच संझले
बस मे जिसने सोचा
वो बहुत पछताया

आया होली का त्योहार
लेके रंगो की बाहर

चला खेतो को एक मतवाला
रास्ते मे किसी ने रंग डाला
रास्ते मे किसी ने रंग डाला

रास्ते मे किसी ने रंग डाली
रास्ते मे किसी ने रंग डाली

Wissenswertes über das Lied Aaya Holi Ka Teohar von शमशाद बेगम

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Das Lied “Aaya Holi Ka Teohar” von शमशाद बेगम wurde von Anand Bakshi komponiert.

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