Boojh Mera Kya Naam Re

MAJROOH SULTANPURI, ONKAR PRASAD NAYYAR

बूझ मेरा क्या नाम रे, नदी किनारे गाँव रे
पीपल झूमे मोरे आँगना, ठण्डी ठण्डी छाँव रे

आह आ आह आ आह आ आह आ

लोग कहे मैं बाँवरी, मेरे उलझे-उलझे बाल
लोग कहे मैं बाँवरी, मेरे उलझे-उलझे बाल
मेरा काला-काला तिल है, मेरे गोरे-गोरे गाल
मेरा काला-काला तिल है, मेरे गोरे-गोरे गाल
मैं चली, जिस गली, झूमे सारा गाँव रे
बूझ मेरा क्या नाम रे, नदी किनारे गाँव रे
पीपल झूमे मोरे आँगना, ठण्डी ठण्डी छाँव रे

आह आ आह आ आह आ आह आ

आज संभल के देखना, बाबूजी हमरी ओर
आज संभल के देखना, बाबूजी हमरी ओर
कहीं दिल से लिपट न जाए, लम्बी जुल्फों की डोर
कहीं दिल से लिपट न जाए, लम्बी जुल्फों की डोर
मैं चली, मन चली, सबका मन ललचाऊं रे
बूझ मेरा क्या नाम रे, नदी किनारे गाँव रे
पीपल झूमे मोरे आँगना, ठण्डी ठण्डी छाँव रे

आह आ आह आ आह आ आह आ

दिल वालों के बीच में, मेरी अँखियाँ हैं बदनाम
दिल वालों के बीच में, मेरी अँखियाँ हैं बदनाम
हूँ एक पहेली फिर भी, कोई बूझे मेरा नाम
हूँ एक पहेली फिर भी, कोई बूझे मेरा नाम
मैं चली, ले चली, बूझो तो कित जाऊं रे
बूझ मेरा क्या नाम रे, नदी किनारे गाँव रे
पीपल झूमे मोरे आँगना, ठण्डी ठण्डी छाँव रे
बूझ मेरा क्या नाम रे, नदी किनारे गाँव रे
पीपल झूमे मोरे आँगना, ठण्डी ठण्डी छाँव रे

Wissenswertes über das Lied Boojh Mera Kya Naam Re von शमशाद बेगम

Wer hat das Lied “Boojh Mera Kya Naam Re” von शमशाद बेगम komponiert?
Das Lied “Boojh Mera Kya Naam Re” von शमशाद बेगम wurde von MAJROOH SULTANPURI, ONKAR PRASAD NAYYAR komponiert.

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