Chhod Babul Ka Ghar [Revival]

Naushad, Shakeel Badayuni

छोड़ बाबुल का घर, मोहे पी के नगर
आज जाना पड़ा, ओ
आज जाना पड़ा

छोड़ बाबुल का घर, मोहे पी के नगर
आज जाना पड़ा

संग सखियों के बचपन बिताती थी मैं

हाँ बिताती थी मैं

ब्याह गुड़ियों का हँस-हँस रचाती थी मैं

हाँ रचाती थी मैं

सब से मुँह मोड़ कर, क्या बताऊँ किधर
दिल लगाना पड़ा, ओ
आज जाना पड़ा

छोड़ बाबुल का घर, मोहे पी के नगर
आज जाना पड़ा

याद मयके की दील से भुलाये चलीहाँ भुलाये चली

हाँ भुलाये चली

प्रीत साजन की मन में बसाये चली

हाँ बसाये चली

याद कर के ये घर, रोईं आँखें मगर
मुस्कुराना पड़ा, ओ
आज जाना पड़ा

छोड़ बाबुल का घर, मोहे पी के नगर
आज जाना पड़ा

पहन उलफ़त का गहना दुल्हन मैं बनी

हाँ दुल्हन मैं बनी

डोला आया पिया का सखी मैं चली

हाँ सखी मैं चली

ये था झूठा नगर, इसलिये छोड़ कर
मोहे जाना पड़ा, ओ
आज जाना पड़ा

छोड़ बाबुल का घर, मोहे पी के नगर
आज जाना पड़ा
छोड़ बाबुल का घर, मोहे पी के नगर
आज जाना पड़ा

Wissenswertes über das Lied Chhod Babul Ka Ghar [Revival] von शमशाद बेगम

Wann wurde das Lied “Chhod Babul Ka Ghar [Revival]” von शमशाद बेगम veröffentlicht?
Das Lied Chhod Babul Ka Ghar [Revival] wurde im Jahr 2011, auf dem Album “Missing You” veröffentlicht.
Wer hat das Lied “Chhod Babul Ka Ghar [Revival]” von शमशाद बेगम komponiert?
Das Lied “Chhod Babul Ka Ghar [Revival]” von शमशाद बेगम wurde von Naushad, Shakeel Badayuni komponiert.

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