Dil De Diya Hai Tujhko Nikal Kar

Husnalal-Bhagatram, Mulk Raj Bhakri

दिल दे दिया है
दिल दे दिया है तुझको निकाल कर जी
हो दिल दे दिया है
दिल दे दिया है
तुझको निकाल कर जी
अब रखो या तोड़ो तुम्हारी मर्ज़ी
हो अब रखो या तोड़ो तुम्हारी मर्ज़ी

अरमानो भरा ये दिल है
तुझसे प्यार करूँ मुश्किल है
अरमानो भरा ये दिल है

तुझसे प्यार करूँ मुश्किल है
जा रे बुड्ढे हो जा रे बुड्ढे
तेरी है हर बात फ़र्ज़ी
जा रे बुड्ढे
हो जा रे बुड्ढे तेरी हर बात फ़र्ज़ी

अब रखो या तोड़ो तुम्हारी मर्ज़ी (अब रखो या तोड़ो तुम्हारी मर्ज़ी)
हो अब रखो या तोड़ो तुम्हारी मर्ज़ी (हो अब रखो या तोड़ो तुम्हारी मर्ज़ी)

दिल दे दिया है
दिल दे दिया है
तुझको निकाल कर जी
हो दिल दे दिया है
दिल दे दिया है
तुझको निकाल कर जी
अब रखो या तोड़ो तुम्हारी मर्ज़ी
हो अब रखो या तोड़ो तुम्हारी मर्ज़ी

मर रहा हूँ बचा लो जी बचा लो
ऐसी बातें न मुंह से निकालो
मर रहा हूँ बचा लो जी बचा लो

ऐसी बातें न मुँह से निकालो
मैं तो थाने में हो मैं तो थाने में
दे दूँगी जाके अर्ज़ी
मैं तो थाने में हो मैं तो थाने में
दे दूँगी जाके अर्ज़ी

अब रखो या तोड़ो तुम्हारी मर्ज़ी (अब रखो या तोड़ो तुम्हारी मर्ज़ी)
हो अब रखो या तोड़ो तुम्हारी मर्ज़ी (हो अब रखो या तोड़ो तुम्हारी मर्ज़ी)

दिल दे दिया है
हो दिल दे दिया है
तुझको निकाल कर जी
दिल दे दिया है
दिल दे दिया है
तुझको निकाल कर जी
अब रखो या तोड़ो तुम्हारी मर्ज़ी
हो अब रखो या तोड़ो तुम्हारी मर्ज़ी

मैं लगाऊँ तेरे घर के फेरे
मैं न हाथ आउंगी तेरे
मैं लगाऊँ तेरे घर के फेरे

मैं न हाथ आउंगी तेरे
काहे पीछे पड़े हो
काहे पीछे पड़े हो
हाथ धोकर जी
काहे पीछे
हो काहे पीछे
पड़े हो हाथ धोकर जी

अब रखो या तोड़ो तुम्हारी मर्ज़ी (अब रखो या तोड़ो तुम्हारी मर्ज़ी)
हो अब रखो या तोड़ो तुम्हारी मर्ज़ी (हो अब रखो या तोड़ो तुम्हारी मर्ज़ी)

दिल दे दिया है
दिल दे दिया है
तुझको निकाल कर जी
हो दिल दे दिया है
दिल दे दिया है
तुझको निकाल कर जी
अब रखो या तोड़ो तुम्हारी मर्ज़ी
हो अब रखो या तोड़ो तुम्हारी मर्ज़ी
तुम्हारी मर्ज़ी
नहीं तुम्हारी मर्ज़ी
हाय तुम्हारी मर्ज़ी
नहीं नहीं नहीं
तुम्हारी मर्ज़ी
हाँ तुम्हारी मर्ज़ी

Wissenswertes über das Lied Dil De Diya Hai Tujhko Nikal Kar von शमशाद बेगम

Wer hat das Lied “Dil De Diya Hai Tujhko Nikal Kar” von शमशाद बेगम komponiert?
Das Lied “Dil De Diya Hai Tujhko Nikal Kar” von शमशाद बेगम wurde von Husnalal-Bhagatram, Mulk Raj Bhakri komponiert.

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