Ek Tir Chalake Gori Bijli Girake

Ramesh Chandra Pandey

एक तीर चलाके गौरी बिजली गिराकें
मोहे छोड़के अकेली कहाँ जाए रे

ओ तेरे साध ना खूँगी कोई बात ना कहँगी
काहे बात बात में मोहे सतायें रे
मोहे सतादें रे

ओ एक तीर चलाके गौरी बिजली गिरे
मोहे छोड़के अकेली कहाँ जाए रे

ओ तेरे साध ना खूँगी कोई बात ना कहँगी
काहे बात बात में मोहे सतायें रे
मोहे सतायें रे

देखों जी देखों जी देखों देखों जी क्या
मेरा नरम कलेजा टूट जाएगा

भला होगा मेरा पीछा छुट जाएगा
होए छूट जाएगा
ओ मेरा नरम कलेजा टूट जाएगा
ओ भला होगा मेरा पीछा छुट जाएगा
होए छूट जाएगा

अरी सुन तो
ऐसे बालम को सताना नहीं अच्छा जी
ओ सोते शेर को जगाना नहीं अच्छा जी

शेर अरे जा
तेरी मेंढक की चाल हैं बकरे की खाल हैं तेरी क्या मजाल हैं
तू बनेगा शेर

अरी मेरी बात मान गौरी मुझे पहचान
काहे झूठमुठ रंग तू जमाएं रे

ओ तेरे साथ ना रहूँगी कोई बात ना कहँगी
काहे बात बात में मोहे सतायें रे
मोहे सतावें रे

सुनो जी सुनों जी सुनो सुनों जी
तू कौन है ये पूछने मैं आई हूँ.

ओ तेरे बाप का होने वाला जमाई हूँ
हो जमाई हूँ
तु कौन है वे पूछने मैं आई हूँ
तेरे बाप का होने वाला जमाई हूँ
हो जमाई हूँ

अरे जा चल हट तेरी बात में क्या माल हैं
बड़ी दूर अभी तेरी ससुराल हैं

अच्छा देखता हूँ गौरी आज तेरी सीनाजोरी
तू कब तक अकड़ निभाएं रे

ओ तेरे साथ ना रूँगी कोई बात ना करँगी
काहे बात बात में मोहे सतायें रे
मोहे सतावें रे

नहीं मानेंगी नहीं मानेंगी
नहीं मानेंगी तो मैं भी मर जाउँगा
अच्छा होगा दिन रत भूत बन कर सताऊंगा
ओ दिन रात भूत बनके सताऊंगा
सताऊंगा सताऊंगा
मेरे बिना एक दिन तेरा जीना हैं कठिन
तू पल भर चैन ना पाए रे

ओ तेरे साथ ना रूँगी कोई बात ना करँगी
काहे बात बात में मोहे सतायें रे
मोहे सतायें रे

Wissenswertes über das Lied Ek Tir Chalake Gori Bijli Girake von शमशाद बेगम

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Das Lied “Ek Tir Chalake Gori Bijli Girake” von शमशाद बेगम wurde von Ramesh Chandra Pandey komponiert.

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