Khud Samajh Lo Ki Iltija Kya Hai

Arzoo Lakhnavi

खुद समझ लो की ये इल्तीज़ा क्या है
खुद समझ लो की ये इल्तीज़ा क्या है
हमी कह दे तो फिर मज़ा क्या है
हमी कह दे तो फिर मज़ा क्या है

है हर एक सांस एक नया पैगाम
है हर एक सांस एक नया पैगाम
क्या बताए के दिल मे क्या क्या है
क्या बताए के दिल मे क्या क्या है

साथ जब तक ना हो बराबर का
साथ जब तक ना हो बराबर का
साथ जब तक ना हो बराबर का
ज़िंदगी मे भरा हुआ क्या है
ज़िंदगी मे भरा हुआ क्या है

तुम हमे चाहो हम तुम्हे चाहे
तुम हमे चाहो हम तुम्हे चाहे
जब ये तय है तो फिर गीला क्या है
जब ये तय है तो फिर गीला क्या है

गम भी निभ जाएगा खुशी के साथ
गम भी निभ जाएगा खुशी के साथ

दिल मिले हों तो पूछ्ना क्या है (दिल मिले हों तो पूछ्ना क्या है)
दिल मिले हों तो पूछ्ना क्या है (दिल मिले हों तो पूछ्ना क्या है)
खुद समझ लो के इल्तिजा क्या है (खुद समझ लो के इल्तिजा क्या है)
हम ही कह दे तो फिर मज़ा क्या है (खुद समझ लो के इल्तिजा क्या है)

Wissenswertes über das Lied Khud Samajh Lo Ki Iltija Kya Hai von शमशाद बेगम

Wer hat das Lied “Khud Samajh Lo Ki Iltija Kya Hai” von शमशाद बेगम komponiert?
Das Lied “Khud Samajh Lo Ki Iltija Kya Hai” von शमशाद बेगम wurde von Arzoo Lakhnavi komponiert.

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