Sanduk Men Bandook Hai

Shakeel Badayuni

संदूक में बन्दूक है
बन्दूक में गोली

निकली है बड़ी धूम से
माशूकों की टोली
संदूक में बन्दूक है
बन्दूक में गोली
निकली है बड़ी धूम से
माशूकों की टोली

मजनू मेरे खालू थे
और मामु थे फ़रहाद

मेरे मामू ठे फरहाद दिल धड़क धड़क लब घूमणि घमत लब धमत
मजनू मेरे खालू थे
और मामु थे फ़रहाद

मेरे मामू ठे फरहाद
कब्रिस्तान में महल बनाकर
छोड़ गए औलाद
नन्ही सी मेरी जान है
मैं हूँ बड़ी भोली
निकली है बड़ी धूम से
माशूकों की टोली
हा हो हो हा हा हा हा
निकली है बड़ी धूम से
माशूकों की टोली
संदूक में बन्दूक है
बन्दूक में गोली
निकली है बड़ी धूम से
माशूकों की टोली(आई आई आह)

सब्जपरी दुनिया में आकर ढूंढ रही गुलफाम

अपना ढूंढ रही गुलफ़ाम सब्ज़परी(दिल धड़क धड़क लब घूमणि घमत लब धमत)
सब्जपरी दुनिया में आकर ढूंढ रही गुलफाम
दुनिया में आकर ढूंढ रही गुलफाम
इश्क़ में तेरे काँटा बन गयी
मुफ्त हुयी बदनाम
खिड़की मेरे दिल की किसी ने भी नहीं खोली
निकली है बड़ी धूम से
माशूकों की टोली
हा हो हो हो हहहह
निकली है बड़ी धूम से
माशूकों की टोली
संदूक में बन्दूक है
बन्दूक में गोली
निकली है बड़ी धूम से
माशूकों की टोली(आई आई आह)

Wissenswertes über das Lied Sanduk Men Bandook Hai von शमशाद बेगम

Wer hat das Lied “Sanduk Men Bandook Hai” von शमशाद बेगम komponiert?
Das Lied “Sanduk Men Bandook Hai” von शमशाद बेगम wurde von Shakeel Badayuni komponiert.

Beliebteste Lieder von शमशाद बेगम

Andere Künstler von Traditional music