Suno Suno Re Kahani Ek Bahut Purani [Pt.1]
सुनो सुनो रे कहानी एक बहुत पुराणी
जिसे कहती थी नानी हो
एक बहुत पुराणी सुनो सुनो रे कहानी
सुनो सुनो रे कहानी एक बहुत पुराणी
जिसे कहती थी नानी हो
एक बहुत पुराणी सुनो सुनो रे कहानी
एक दिन भरी सभा जंगल में
जी जी जी जी जी जी जी
हाथ आया
घोडा आया
हिरण आया ऊंट भी आया
बन्दर आया भालु आया
बिल्ली आयी कुत्ता आया
चुपके से सियार भी आया
जो भी था दुमदार भी आया
तरह तरह के प्राणी
सबने सोचा हम सब जाये
राजा जी करे प्रार्थना
ऐसा हो जंगल में जिसदिन हिंसा ना
मारे कोई किसी को
न कोई खाये मास किसी का
न कोई पिए खून किसी का
न कोई रोके साँस किसी का
एक घाट सब पानी पिए
एक राह सब जाये
इसको कहते है जंगल में
मंगल मिलके मनाये
लेकिन कहने जाये कौन
जो जायेगा देनी होगी उसको हि क़ुरबानी
सुनो रे कहानी एक बहुत पुराणी
जिसे कहती थी नानी हो
एक बहुत पुराणी सुनो सुनो रे कहानी
बिल्ली बोली
शेर की मौसी दुनिआ में कहलाऊ
क्यों न संदेसा तुम लोगो का
मैं ही लेकर जाउ
धन्य है मौसी धन्य है मौसी
धन्य है मौसी
देखो भाई जाती तो हो जाने को
लेकिन राजा कहे जो झपटा
मुझको हि खा जाने को
हम आयेंगे तुमको वहा बचानेको
हम आयेंगे हम आयेंगे
हम आयेंगे
हम आयेंगे
लेकिन हमसे था हुशियार एक बूढ़ा सा सिहार
बोला अपनी बोल फटकारा
बाते है बेकार ये सब बाते है बेकार
बाबा बाते है बेकार
जाओ मोसी कहो शेर से
आज बड़ा त्यौहार है बन में
आज बड़ा त्यौहार
बाबा बाते है बेकार
जिसको चाहो आकर
खालो हर कोई तैयार
बाबा बाते है बेकार
ये सब बाते है बेकार