Beyhadh

Vandana Khandelwal

चाहा तुझे दिन ने मेरे
तोह साँसों ने धोकहै दिया
तेरा हुआ यउन इस तरह
की मुझसे हुआ मैं जुड़ा
संग ले गया तू फिर मेरे
जीने की साड़ी वजह
तेरे खलिश , तेरी खला को
दिल में यूँ दी है जगह
मुझमे ही तू रहे यूँ सदा
आदत है तू बुरी या सजा
तुझ बिन भी तू लगे लाज़मी
बेहद है ये मेरी आशिकी
रूह को तोडा , ऐसे मरोड़ा
की आहें भी चुप हो गयी
धड़कन को जिसने , जीना सिखाया
वो आहात कहीन खू गयी
गम है हुवा , सब है धुवां
दिल का न कोई निशाँ
हुए फाशलए , हुए दूरियां
तोह खुसिया हुई है फना
मुझमे ही तू रहे यूँ सदा
आदत है तू बुरी या सजा
तुझ बिन भी तू लगे लाज़मी
बेहद है ये मेरी आशिकी

जिस्म से साया ऐसे है रूठा
की राहें जुड़ा हो गयी
दिल को तसल्ली जिससे मिली थी
वो बातें कहीं खू गयी
दिल की सदा अब बेवजह
मांगे न कोई दवा
ये इल्तेजा , यही राजा
करता है दिल हर दफा
मुझमे ही तू रहे यूँ सदा
आदत है तू बुरी या सजा
तुझ बिन भी तू लगे लाज़मी
बेहद है ये मेरी आशिकी

Wissenswertes über das Lied Beyhadh von राहुल जैन

Wer hat das Lied “Beyhadh” von राहुल जैन komponiert?
Das Lied “Beyhadh” von राहुल जैन wurde von Vandana Khandelwal komponiert.

Beliebteste Lieder von राहुल जैन

Andere Künstler von Film score