Kasam Ki Kasam [Unplugged]
ANU MALIK, DEV KOHLI
लोग कहते हैं पागल हूँ मैं ये भी ना जानूँ
दिल लुटाया है मैने अब किसी की ना मानूँ
चैन देकर के मैने बेचैनियाँ ये ली हैं
नींदें उड़ा के मैने तुमसे वफ़ाएं की हैं
क़सम की क़सम है क़सम से
हमको प्यार है सिर्फ़ तुमसे
क़सम की क़सम है क़सम से
हमको प्यार है सिर्फ़ तुमसे
अब ये प्यार ना होगा फिर हमसे
कुछ इशारों में तुमने हमसे जो ये कहा है
अब यक़ीं आ रहा है तुमको भी कुछ हुआ है
क्यों तुमको देखते हैं क्या दिल में सोचते हैं
तूफ़ाँ जो उठ रहा है हम उसको रोकते हैं
क़सम की क़सम है क़सम से
हमको प्यार है सिर्फ़ तुमसे
क़सम की क़सम है क़सम से
हमको प्यार है सिर्फ़ तुमसे
अब ये प्यार ना होगा फिर हमसे