Khushi

Rahul Jain, Vandana Khandelwal

पल दो पल की नई
मेरे हर पल की फिराक़ हे तू
किस्मातो से जो मिली
इनायते बेहिसाब हे तू
पल दो पल की नई
मेरे हर पल की फिराक़ हे तू
किस्मातो से जो मिली
इनायते बेहिसाब हे तू
डूबी तेरी चाहत मे
मेरी हर आरज़ू
बस तू ही हो पास मेरे
दिल की हे जुस्तजू
तेरे लिए तुझसे ही हे
तुझमे बसी मेरी खुशी
तेरे लिए तुझसे ही हे
तुझमे बसी मेरी खुशी

जिसको मे पा ना सकु
तू वो हसीन ख्वाब हे
मे होता हू रुसवा हर पल
तू रब से भी ज़्यादा पाक हे
क्या दूंगी मे प्यार तुझे
जब ये लकीरे खुद ही मोहताज हे
तेरे लिए तुझसे ही हे
तुझमे बसी मेरी खुशी
तेरे लिए तुझसे ही हे
तुझमे बसी मेरी खुशी

हा हा हा हा हा
हा हा हा हा हा

अपने ही ख्वाबो को तू
रातो से रिहा कर दे
सुबह का आसमानो मे
साथ नये रंग भर दे
सूरज का रात से
होता कब इत्तेफ़ाक़ हे
नदी के किनरो सा
ये तेरा मेरा साथ हे

डूबी तेरी चाहत मे
मेरी हर आरज़ू
बस तू ही हो पास मेरे
दिल की हे जुस्तजू
तेरे लिए तुझसे ही हे
तुझमे बसी मेरी खुशी
तेरे लिए तुझसे ही हे
तुझमे बसी मेरी खुशी

Wissenswertes über das Lied Khushi von राहुल जैन

Wer hat das Lied “Khushi” von राहुल जैन komponiert?
Das Lied “Khushi” von राहुल जैन wurde von Rahul Jain, Vandana Khandelwal komponiert.

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