Mehram

Amit Lakhani

क़ुर्बत में तेरी मेरी आज़ादियाँ (क़ुर्बत में तेरी मेरी आज़ादियाँ)
महफ़िल में मेरी तेरी ही मर्ज़ियाँ (महरम मेरे महरम मेरे)
ख़ाली सा दिल मेरा दिल में जो तू ना
ख़ाली दिल मेरा
क़ुर्बत में तेरी मेरी आज़ादियाँ
महफ़िल में मेरी तेरी ही मर्ज़ियाँ
महरम मेरे, महरम मेरे, महरम मेरे खुदा
महरम मेरे, महरम मेरे, महरम मेरे खुदा

रूह जागी मेरी जब जिस्म से परे दिल गया (महरम मेरे महरम मेरे)
रूह जागी मेरी जब जिस्म से परे दिल गया (महरम मेरे महरम मेरे)
तेरी क़ीमत हुई है तब दर्दे इश्क़ से इश्क़ खो गया आ
दहलीज़ पे तेरी मेरी हैं अर्ज़ियाँ
दूरियों में तेरी दिल की बेमानियाँ
महरम मेरे, महरम मेरे, महरम मेरे खुदा
महरम मेरे, महरम मेरे, महरम मेरे खुदा
महरम मेरे, महरम मेरे, महरम मेरे खुदा

Wissenswertes über das Lied Mehram von राहुल जैन

Wer hat das Lied “Mehram” von राहुल जैन komponiert?
Das Lied “Mehram” von राहुल जैन wurde von Amit Lakhani komponiert.

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