Zindagi Ke Safar Mein

Anand Bakshi

आँख धोखा है क्या भरोसा है
आँख धोखा है क्या भरोसा है सुनो
दोस्तों शक दोस्ती का दुश्मन है
अपने दिल में इसे घर बनाने न दो
कल तड़पना पड़े याद में जिनकी
रोक लो रूठ कर उनको जाने न दो
बाद में प्यार के चाहे भेजो हजारों सलाम
वो फिर नहीं आते वो फिर नहीं आते

सुबहो आती है रात जाती है
सुबहो आती है रात जाती है यूँ ही
वक़्त चलता ही रहता है रुकता नहीं
एक पल में ये आगे निकल जाता है
आदमी ठीक से देख पाता नहीं
और परदे पे मंज़र बदल जाता है
एक बार चले जाते हैं जो दिन रात सुबहो शाम
वो फिर नहीं आते वो फिर नहीं आते
न न ना न न ना न न ना

फूल खिलते हैं लोग मिलते हैं
फूल खिलते हैं लोग मिलते हैं मगर
पतझड़ में जो फूल मुरझा जाते हैं
वो बहारों के आने से खिलते नहीं
कुछ लोग एक रोज़ जो बिछड़ जाते हैं
वो हजारों के आने से मिलते नहीं
उम्र भर चाहे कोई पुकारा करे उनका नाम
वो फिर नहीं आते वो फिर नहीं आते
ज़िन्दगी के सफ़र में गुज़र जाते हैं वो मकाम
वो फिर नहीं आते वो फिर नहीं आते

Wissenswertes über das Lied Zindagi Ke Safar Mein von राहुल जैन

Wer hat das Lied “Zindagi Ke Safar Mein” von राहुल जैन komponiert?
Das Lied “Zindagi Ke Safar Mein” von राहुल जैन wurde von Anand Bakshi komponiert.

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