Ek Jurm Karke Hamne Chaha Tha

Azmi Kaifi, Ghulam Mohammed

एक जुर्म करके हमने
एक जुर्म करके हमने
चाहा था मुस्कुराना
चाहा था मुस्कुराना
चाहा था मुस्कुराना
मरने न दे मोहब्बत
मरने न दे मोहब्बत
जीने न दे ज़माना
जीने न दे ज़माना

हम बेताल्लुक़ी की रस्में निभा देंगे
रस्में निभा देंगे
हम बेताल्लुक़ी की रस्में निभा देंगे
पर तुम न याद करना
पर तुम न याद करना
पर तुम न याद आना
पर तुम न याद आना

ये सोचकर बुझा दी
ख़ुद शम्मा आर्ज़ू की
ये सोचकर बुझा दी
ख़ुद शम्मा आर्ज़ू की
शायद हो रोशनी में
शायद हो रोशनी में
मुश्किल नज़र मिलाना
मुश्किल नज़र मिलाना

जब अश्क पी लिये हैं
जब होंठ सी लिये हैं
जब होंठ सी लिये हैं
जब अश्क पी लिये हैं
जब होंठ सी लिये हैं
तब पूछती है दुनिया
तब पूछती है दुनिया
मुझसे मेरा फ़साना
मुझसे मेरा फ़साना
एक जुर्म करके हमने
एक जुर्म करके हमने
चाहा था मुस्कुराना
चाहा था मुस्कुराना
चाहा था मुस्कुराना
मरने न दे मोहब्बत
मरने न दे मोहब्बत
जीने न दे ज़माना
जीने न दे ज़माना

Wissenswertes über das Lied Ek Jurm Karke Hamne Chaha Tha von सुमन कल्याणपुर

Wer hat das Lied “Ek Jurm Karke Hamne Chaha Tha” von सुमन कल्याणपुर komponiert?
Das Lied “Ek Jurm Karke Hamne Chaha Tha” von सुमन कल्याणपुर wurde von Azmi Kaifi, Ghulam Mohammed komponiert.

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