Insaaf Tera Dekha

GHULAM MOHAMMAD, KAIFI AZMI

चश्मे बद्दूर

इंसाफ़ तेरा देखा ए साक़ी-ए-मयखना
इंसाफ़ तेरा देखा ए साक़ी-ए-मयखना
हम बैठे रहे प्यासे छलका किया
छलका किया पैमाना, छलका किया पैमाना
हम बैठे रहे प्यासे छलका किया पैमाना

हम ताज़किरा करते थे दुनिया की जफाओ का
हम ताज़किरा करते थे दुनिया की जफाओ का
क्यूँ तुमने नज़र बदली क्यूँ कह दिया दीवाना
क्यूँ तुमने नज़र बदली क्यूँ कह दिया दीवाना
इंसाफ़ तेरा देखा ए साक़ी-ए-मयखना
हम बैठे रहे प्यासे छलका किया पैमाना

आ आ आ आ आ आ
खुद ओढ़ लिया हमने इल्ज़ाम मोहब्बत का
हाँ, खुद ओढ़ लिया हमने इल्ज़ाम मोहब्बत का
देखा ना गया हमसे उन आँखो का शरमाना
देखा ना गया हमसे उन आँखो का शरमाना
इंसाफ़ तेरा देखा ए साक़ी-ए-मयखना
हम बैठे रहे प्यासे छलका किया पैमाना

आ आ आ आ आ आ
काफ़ी है तारूफ़ ये ए शम्म-ए-सर-ए-महफ़िल
काफ़ी है तारूफ़ ये ए शम्म-ए-सर-ए-महफ़िल
है काम मेरा जलना और नाम है परवाना
है काम मेरा जलना और नाम है परवाना
इंसाफ़ तेरा देखा ए साक़ी-ए-मयखना
हम बैठे रहे प्यासे छलका किया
छलका किया पैमाना, छलका किया पैमाना
हम बैठे रहे प्यासे छलका किया पैमाना

Wissenswertes über das Lied Insaaf Tera Dekha von सुमन कल्याणपुर

Wer hat das Lied “Insaaf Tera Dekha” von सुमन कल्याणपुर komponiert?
Das Lied “Insaaf Tera Dekha” von सुमन कल्याणपुर wurde von GHULAM MOHAMMAD, KAIFI AZMI komponiert.

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