Main Hoon Akeli

Majrooh Sultanpuri

मैं हूँ अकेली किस किस को समझाऊ हाय रब्बा
मैं हूँ अकेली किस किस को समझाऊ हाय रब्बा
एक रूप के दो चोर है कित जाउँ हाय रब्बा
एक रूप के दो चोर है कित जाउँ हाय रब्बा
मैं हूँ अकेली किस किस को समझाऊ हाय रब्बा
एक रूप के दो चोर है कित जाउँ हाय रब्बा

कोई तथा में होले होले दिल
कोई पुकारे कभी तो गोरी मिल
कोई तथा में होले होले दिल
कोई पुकारे कभी तो गोरी मिल
मैं रूकती झुकती घूंघट में शर्मो हाय रब्बा
मैं हूँ अकेली किस किस को समझाऊ हाय रब्बा
एक रूप के दो चोर है कित जाउँ हाय रब्बा

चाँदनी मेरे गालों में बसे
रात नशीली नयन में हसे
चाँदनी मेरे गालों में बसे
रात नशीली नयन में हसे
यह जलवें लेके किस दिल में छुप जाऊँ हाय रब्बा
मैं हूँ अकेली किस किस को समझाऊ हाय रब्बा
एक रूप के दो चोर है कित जाउँ हाय रब्बा

छम छम पगले रखति हुयी
चम्पे की डाल लचकती हुयी
छम छम पगले राखति हुयी
चम्पे की डाल लचकती हुयी
मैं कज़रा वाली मुद मुड़के टक्के जाउँ हाय रब्बा
मैं हूँ अकेली किस किस को समझाऊ हाय रब्बा
मैं हूँ अकेली किस किस को समझाऊ हाय रब्बा
एक रूप के दो चोर है कित जाउँ हाय रब्बा
एक रूप के दो चोर है कित जाउँ हाय रब्बा

Wissenswertes über das Lied Main Hoon Akeli von सुमन कल्याणपुर

Wer hat das Lied “Main Hoon Akeli” von सुमन कल्याणपुर komponiert?
Das Lied “Main Hoon Akeli” von सुमन कल्याणपुर wurde von Majrooh Sultanpuri komponiert.

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