Mujhe Kabhi Kabhi Sapna Ye Aaye

Rajendra Krishna

ओ ओ ओ ओ ओ
ओ मुझे कभी कभी
मुझे कभी कभी
सपना ये आए
के श्याम मेरे गलियों मे बाँसुरी बजाए
मुझे कभी कभी सपना ये आए
के श्याम मेरे गलियों मे बाँसुरी बजाए

सुध बुध भूल के मैं जाऊ दौड़ी दौड़ी
अँखियाँ बावरी मैं खोलू थोड़ी थोड़ी
सुध बुध भूल के मैं जाऊ दौड़ी दौड़ी
अँखियाँ बावरी मैं खोलू थोड़ी थोड़ी
अँखियाँ खोले खोले देखे सुनी गली
फिर भी कान्हा नज़र नही आए
मुझे कभी कभी
मुझे कभी कभी सपना ये आए
के श्याम मेरे गलियों मे बाँसुरी बजाए
मुझे कभी कभी सपना ये आए
के श्याम मेरे गलियों मे बाँसुरी बजाए

आ आ आ आ आ
चड गया हाथ मेरे जिस दिन छलिया
देखना च्चीं लूँगी उसकी मुरलियान
चड गया हाथ मेरे जिस दिन छलिया
देखना च्चीं लूँगी उसकी मुरलियान
लाख अरज करे नैना नीर भरे
चाहे कैसे बहाने वो बनाए
मुझे कभी कभी
मुझे कभी कभी सपना ये आए
के श्याम मेरे गलियों मे बाँसुरी बजाए
मुझे कभी कभी सपना ये आए
के श्याम मेरे गलियों मे बाँसुरी बजाए

पल्को की डोर मे पिरोइ मैने कालिया
जाने मनाए कहाँ श्याम रंग रलिया
पल्को की डोर मे पिरोइ मैने कालिया
जाने मनाए कहाँ श्याम रंग रलिया
मेरे मोहन का पता ला दे कोई ज़रा
प्यार की माला ना कमला जाए
मुझे कभी कभी
मुझे कभी कभी सपना ये आए
के श्याम मेरे गलियों मे बाँसुरी बजाए
मुझे कभी कभी सपना ये आए
के श्याम मेरे गलियों मे बाँसुरी बजाए

Wissenswertes über das Lied Mujhe Kabhi Kabhi Sapna Ye Aaye von सुमन कल्याणपुर

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Das Lied “Mujhe Kabhi Kabhi Sapna Ye Aaye” von सुमन कल्याणपुर wurde von Rajendra Krishna komponiert.

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