Ek Nazar

Kapil Sharma Soz

बैठे हैं चुपके वो मेरी पलकों तले
है मेरी आरज़ू बात आगे चले
बैठे हैं चुपके वो मेरी पलकों तले
है मेरी आरज़ू बात आगे चले
उसकी रहमत हो तो सिलसिला कुछ बढे
शामें महफ़िल गज़ब है सुबह तक ढले
एक नज़र में ही तुम
एक नज़र में ही तुम मेरी जान बन गये
अब कहो कैसे तुमको बताये सनम
आशना हो गई हम फ़िदा हो गए
दर्द ए दिल किसको जाके सुनाए सनम
एक नज़र में ही तुम

यू तो महफ़िल में है और चेहरे कई
रुख ए रोशन मगर यूं किसका नहीं
यू तो महफ़िल में है और चेहरे कई
रुख ए रोशन मगर यूं किसका नहीं
बढ़ चले हैं कदम अब तुम्हारी तरफ
और पलटना तो हमने भी सीखा नहीं
एक हसीन ख्वाब से

एक हसीन ख़्वाब से तुम हकीकत हुए
तुमको आगोश में हम छुपाये सनम
आशना हो गई हम फ़िदा हो गए
दर्द ए दिल किसको जाके सुनाए सनम
एक नज़र में ही तुम मेरी जान बन गये
अब कहो कैसे तुमको बताये सनम
आशना हो गई हम फ़िदा हो गए
दर्द ए दिल किसको जाके सुनाए सनम

एक नज़र में ही तुम
एक नज़र में ही तुम

Wissenswertes über das Lied Ek Nazar von Altamash Faridi

Wer hat das Lied “Ek Nazar” von Altamash Faridi komponiert?
Das Lied “Ek Nazar” von Altamash Faridi wurde von Kapil Sharma Soz komponiert.

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