Dialogue Hamare Prasad Ko
आयीं सिगरेट
हमारे प्रशाद को सिगरट कहता हे मुर्ख
सूटा मार
सेठ जी सुटा मारिये
जल्दी सुटा मारिये हा
घोर चमत्कार आप तो अंतरयामी हो
मेरे दिल की बात समझ गए होंगे
समझ गए बच्चा जो तुम दिखाई दे रहे हो
वो तुम नहीं हो और जो तुम हो पुत्र उसे सिर्फ हमारे ज्ञान चक्षु देख रहे हे
में आपका दास हो गया आप ने दिखला दिया आप कितने महान हे
पर बच्चा जो तुम समझ रहे हो वो हम भी नहीं हे
मुर्ख जो ठहरा भगवान कैसे समझूंगा
पर हम तुम्हे वचन देते हे पुत्र के जाने से पहले हम तुम्हारे ज्ञान चक्षु खोल देंगे
क्या खोलेंगे
ज्ञान चक्षु