Beete Din Beete Pal
बीते दिन बीते पल याद आने लगे हो
बीते दिन बीते पल याद आने लगे
दिल बता कैसे भूले उन्हें
बीते दिन बीते पल याद आने लगे
हो दिल बता कैसे भूले उन्हें
झिलमिल तारो की रात थी
नगमों में दिल की बात थी
इतने दिन पी कर शराब थी
बुझते थे राग रागिनी
रोशन थी चाँद चाँदनी
हर और च्चाई थी रोशनी
अब साज़ क्यूँ बजते नही सूर में नही बजते
अब साज़ क्यूँ बजते नही सूर में नही बजते
बीते दिन बीते पल याद आने लगे
हो दिल बता कैसे भूले उन्हें
हो मंज़र भी कमाल थे
कितने सारे सवाल थे
कितने अच्छे ख़याल थे
हम तुझ पर जान निसार थे
बेगार सांसो के तार थे
अरमान भी बेशुमार थे
जलते हुए सपने धुआँ
थम सा गया कारवाँ
जलती हुई सपने धुआँ
थम सा गया कारवाँ
बीते दिन बीते पल याद आने लगे ऊ
बीते दिन बीते पल याद आने लगे
हो दिल बता कैसे भूले उन्हें
बीते दिन बीते पल याद आने लगे
हो दिल बता कैसे भूले उन्हें