Dhin Tara Bole Man Ka Ik Tara

Hasan Kamal

धिन तारा धिन तारा बोले मन का इक तारा
धिन तारा धिन तारा बोले मन का इक तारा
साथ कभी न छूटे अपना
साथ कभी न छूटे अपना
जीवन है बहती धरा
धिन तारा धिन तारा बोले मन का इक तारा
धिन तारा धिन तारा बोले मन का इक तारा

खेल समय का हैं दुःख सुख जीवन का
खेल समय का हैं दुःख सुख जीवन का
प्यार उजाला हैं मन के आँगन का
जीवन हंस कर कांत ले अपना
जीवन हंस कर कांत ले अपना
दुःख सुख मिल कर बाँट ले अपना
जिस घर में है प्यार का डेरा औ औ औ
जिस घर में है प्यार का डेरा
वो घर है सब से प्यारा
धिन तारा धिन तारा बोले मन का इक तारा
धिन तारा धिन तारा बोले मन का इक तारा

इक दिन सच होगा देखा हैं जो सपना

इक दिन सच होगा देखा हैं जो सपना
माँ के आँचल से घर होगा अपना
हम तुम जिस में रहेंगे ऐसे
हम तुम जिस में रहेंगे ऐसे
राम लखन की जोड़ी जैसे
राम करे वह दिन न आये
राम करे वह दिन न आये
कम हो जिस दिन प्यार हमारा
धिन तारा धिन तारा बोले मन का इक तारा
साथ कभी न छूटे अपना जीवन हैं बहती धरा
धिन तारा धिन तारा बोले मन का इक तारा
धिन तारा धिन तारा बोले मन का इक तारा

Wissenswertes über das Lied Dhin Tara Bole Man Ka Ik Tara von Anuradha Paudwal

Wer hat das Lied “Dhin Tara Bole Man Ka Ik Tara” von Anuradha Paudwal komponiert?
Das Lied “Dhin Tara Bole Man Ka Ik Tara” von Anuradha Paudwal wurde von Hasan Kamal komponiert.

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