Hanuman Amrit Bhakti

Kedar Pandit, Udit Narayan Tiwari

जय जय जय बजरंगबली, महावीर हनुमान
साहस बल और शक्ति का, दो हमको वरदान

हम हैं बुद्धि हीन प्रभु, तुम हो बुद्धि निधान
मन का अंधियारा हर लो, दूर करो अज्ञान

अष्ट सिद्धि नवनिधियों के, दाता तुम कपिवीर
बड़ी भुजाएं आपकी, अति विशाल है शरीर

बलशाली बजरंगबली, सदा रहो तुम साथ
भूत पिशाच न आए निकट, भय हरलो हे नाथ

पवनपुत्र का नाम स्मरण, संजीवनी समान
रोग दोष मिट जाते सब, मिलता जीवन दान

शिव शंकर ने स्वयं लिया, आंजनेय अवतार
जिनकी राम भक्ति के, गुण गाता संसार

भक्तों में सबसे ऊपर, बजरंगी का नाम
जिनकी भक्ति को पाकर, प्रसन्न हुए श्री राम

इस कलयुग में आज भी, हनुमत करें निवास
जहाँ पे होती राम कथा, वहाँ कपीश का वास

चैत्र मास में मंगल छाया, तिथि पूर्णिमा शुभ दिन आया
पिता केसरी अंजनी माता, जन्म दिए बालक हनुमंता

शिव शंकर के अंश कहाए, पवन देव के द्वारा लाए
नाम पड़ा था मारुति जिनका, राम भक्ति उद्देश्य था उनका

तिलक भाल और नयन विशाला, सुंदर चंचल रूप निराला
कुंडल कान बाल घुंघराले, छोटी गदा से खेलने वाले

सूरज देख वे उड़े गगन में, समझ के फल निगला था मुख में
अंधकार धरती पर छाया, इंद्र देव ने वज्र चलाया

मूर्छित हो गए बाल मारुति, क्रोध से पवन ने वायु रोकी
देवों से पाकर वरदान, नाम मिला था तब हनुमान

नटखट चंचल बाल कपीश्वर, श्राप दिए थे उनको मुनिवर
भूल जाओ सब शक्ति तुम्हारी, घोर श्राप मेरा यह भारी

दुखी हो गए बाल हनुमान, मांगे क्षमा दया का दान
मुनि बोले बल मिल जाएगा, राम काज का दिन आएगा

राम भक्ति में डूब गए फिर एक दिन ऐसा आया
धन्य हुए हनुमान जी, वन में राम को पाया

राम लखन कंधे पे बिठाकर, मिला दिया सुग्रीव से जाकर
सीता माँ की खोज पे आए, जाम्बवंत बल याद दिलाए

रूप विशाल लिए थे कपिवर, सागर पार गए थे उड़कर
माँ सीता का पता लगाया, रघुवर का संदेश सुनाया

अक्षय असुर पुत्र रावण का, किए बजरंग बली वध उसका
नष्ट करी थी अशोक वाटिका, पूंछ से सारी जलाई लंका

सीता खोज खबर ले आए, रामचंद्र प्रभु हृदय लगाए
युद्ध हुआ लंका के द्वारे, राक्षस हनुमान ने मारे

बाण लगा जब वीर लखन को, भारी दुख पहुँचा रघुवर को
हनुमत ओषधि पर्वत लाए, संजीवनी से लखन जियाए

अहिरावण था दैत्य भयंकर, राम लखन को ले गया हरकर
तब पाताल गए हनुमाना, मार असुर लाए भगवाना

जीत के राघव आए अवध में, करे विभीषण प्रश्न सभा में
हे हनुमान सकल गुण धामा, क्या तुम्हरे हृदय में रामा

बोले हनुमत जय श्री राम, सीना चीर दिखाए राम
धन्य हो गए तब भगवाना, जय सियाराम जय जय हनुमाना

पवनपुत्र बजरंगबली, की महिमा जो गाए
बल बुद्धि विद्या मिले, सुख संपति वो पाए

Wissenswertes über das Lied Hanuman Amrit Bhakti von Anuradha Paudwal

Wer hat das Lied “Hanuman Amrit Bhakti” von Anuradha Paudwal komponiert?
Das Lied “Hanuman Amrit Bhakti” von Anuradha Paudwal wurde von Kedar Pandit, Udit Narayan Tiwari komponiert.

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