Ho Sake To Zaroor Padh Lena

Rani Malik

हो सके तो ज़रूर पढ़ लेना ये मोहब्बत का आख़िरी खत
हो सके तो ज़रूर पढ़ लेना ये मोहब्बत का आख़िरी खत
जो लिखा दर्द की सियाही से मेरी चाहत का आख़िरी खत
हो सके तो ज़रूर पढ़ लेना ये मोहब्बत का आख़िरी खत
हो सके तो ज़रूर पढ़ लेना

दिल की विरानियों के गुलशन मे
तेरी यादों के फूल खिलते हें
तुमको हो, या के ना हो यकीं लेकिन
हम ख़यालों मे रोज़ मिलते हें
माफ़ करना तुम, मगर ये वादा हे ये हे शिकायत का आख़िरी खत
हो सके तो ज़रूर पढ़ लेना ये मोहब्बत का आख़िरी खत
हो सके तो ज़रूर पढ़ लेना

दूर हम तुमसे तो हे मगर फिर भी
ये ना समझों के हम अकेले हे
संग तेरे जो कभी गुज़रे थे
पास अब उन खुश्बुओं के मेले है
रंग आश्क़ो का जिसमे शामिल हे मेरी हसरत का आख़िरी खत
हो सके तो ज़रूर पढ़ लेना ये मोहब्बत का आख़िरी खत
जो लिखा दर्द की सियाही से मेरी चाहत का आख़िरी खत
हो सके तो ज़रूर पढ़ लेना ये मोहब्बत का आख़िरी खत
हो सके तो ज़रूर पढ़ लेना

Wissenswertes über das Lied Ho Sake To Zaroor Padh Lena von Anuradha Paudwal

Wer hat das Lied “Ho Sake To Zaroor Padh Lena” von Anuradha Paudwal komponiert?
Das Lied “Ho Sake To Zaroor Padh Lena” von Anuradha Paudwal wurde von Rani Malik komponiert.

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