Ik Zindagi Gujar Gayi Zindagi Samajhne Mein
एक ज़िंदगी गुज़र गयी
ज़िंदगी समझ ने में
एक ज़िंदगी गुज़र गयी
ज़िंदगी समझ ने में
एक उम्र और चाहिए
अब तुझे समझ ने में
एक ज़िंदगी गुज़र गयी
ज़िंदगी समझ ने में
एक उम्र और चाहिए
अब तुझे समझ ने में
आ आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ आ
आई बहार भी मगर
फूल क्यूँ ना खिल सके
ये बात है नसीब की
मिल कर भी हम ना मिल सके
अब सोचती हूँ हर घड़ी
तुमने की जो बेरूख़ी
शायद अभी भी रह गई
मेरे प्यार मे कमी
साँसे भी टूट जाएँगी
इक तुझे समझने मे
इक उम्र और चाहिए
अब तुझे समझने मे
इक ज़िंदगी गुज़र गयी
ज़िंदगी समझने मे
इक उम्र और चाहिए
अब तुझे समझने मे
मजबूरियों का मेरी तुमने
ये सिला दिया
इल्ज़ाम बेवफ़ाई का
क्यूँ मुझपर लगा दिया
ये प्यार चाहत दोस्ती
रुसवाइयों का नाम है
कहते हैं जिसको ज़िंदगी
परछाइयों का नाम है
हमने बहुत ही देर की
दिल्लगी समझने मे
इक उम्र और चाहिए
अब तुझे समझने मे
इक ज़िंदगी गुज़र गयी
ज़िंदगी समझने मे
इक उम्र और चाहिए
अब तुझे समझने मे
आ आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ आ