Kaun Hai Wo
कौन है वो जो रातो को खबों
में आता रहेता हैं
कौन है वो इस दिल की धड़कन
चुरता रहेता हैं
हर तरफ जिसके जलवे देखा करूँ
हर घड़ी जिसके बारे
में सोचा करूँ
कौन है वो कौन है वो
कौन है वो जो रातो को खबों
में आता रहेता हैं
कौन है वो इस दिल की धड़कन
चुरता रहेता हैं
अंजाना सा इक चाहेरा हैं
जो मुझको च्छेद के जाए
उसका मेरा क्या रिश्ता हैं
ये तो समाज में ना आए
ये तो समाज में ना आए
कौन है वो जो सीने में
अरमान जागता रहेता हैं
कौन है वो जो रातो को खबों
में आता रहेता हैं
चुपके चुपके च्छूलेटा हैं
मुझको सामने आके
च्छूप जाता फिर जाने कहाँ वो
दिल में आग लगाके
दिल में आग लगाके
कौन हैं वो जो सांसो में
हलचल मचाता रहेता हैं
कौन है वो जो रातो को खबों
में आता रहेता हैं
हर तरफ जिसके जलवे देखा करूँ
हर घड़ी जिसके बारे
में सोचा करूँ
कौन है वो कौन है वो
कौन है वो जो रातो को खबों
में आता रहेता हैं
कौन है वो इस दिल की धड़कन
चुरता रहेता हैं