Main Ek Chingari Hoon

Anand-Milind, Qafil Azad

मैं एक चिंगारी थी
अब सिर्फ़ अंधेरा हूँ
मैं एक चिंगारी थी
अब सिर्फ़ अंधेरा हूँ
मुझे कौन निकलेंगा इस
बाँध बाँध दरवाज़े से
मैं एक चिंगारी थी
अब सिर्फ़ अंधेरा हूँ
मुझे कौन निकलेंगा इस
बाँध बाँध दरवाज़े से
मैं एक चिंगारी थी
अब सिर्फ़ अंधेरा हूँ

हर साँस मेरी हर आंस मेरी
इन दीवारो मैं क़ैद हौई
हर साँस मेरी हर आंस मेरी
इन दीवारो मैं क़ैद हौई
मैं इक काली खिल भी ना सकी
बस आँधियारो मैं क़ैद हुई
मुझे कौन निकलेंगा
इस बाँध बाँध दरवाज़े से
मैं एक चिंगारी थी
अब सिर्फ़ अंधेरा हूँ

मैं ज़िंदा लाश सुलगती हूँ
तन्हाई के अंगरो में
ये दीवारे है काबरा मेरी
मैं कत्ल हूँ इन दीवारो में
जीवन ने तो ठुकराया है मुझे
ये मौत बता तू क्यूँ है खफा
अब कौन सुनेगा तेरे शिवा
जो दर्द हैं मेरी पुकारो में
जो दर्द हैं मेरी पुकारो में
जो दर्द हैं मेरी पुकारो में
मैं एक चिंगारी थी
अब सिर्फ़ अंधेरा हूँ
मुझे कौन निकलेंगा
इस बाँध बाँध दरवाज़े से
मैं एक चिंगारी थी
अब सिर्फ़ अंधेरा हूँ.

Wissenswertes über das Lied Main Ek Chingari Hoon von Anuradha Paudwal

Wer hat das Lied “Main Ek Chingari Hoon” von Anuradha Paudwal komponiert?
Das Lied “Main Ek Chingari Hoon” von Anuradha Paudwal wurde von Anand-Milind, Qafil Azad komponiert.

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