Atak Gaya [Abhijeet]
जब चलते चलते राह मुड़े
जब जुगनू मुट्ठी खोल उड़े
जब नैन ये तोड़े रूल सभी
और खुल के करले भूल सभी
भूल सभी, भूल सभी
तो अटक गया है
ये मन अटक गया है
कुछ चटक गया है
ये मन अटक गया है
तो अटक गया है
ये मन अटक गया है
कुछ चटक गया है
ये मन अटक गया है
कभी झील है तू और
कभी यादों की नाव है
तू ही दिल का किनारा मेरा
कभी धूप है तू और
कभी तारो की छाँव है
सारा ही है सहारा मेरा
जब बाकी दुनिया धुंधली लगे
जब रात भी उजली उजली लगे
जब दिल को दुआ मालूम पड़े
हर धड़कन झट से बूम करे
बूम करे, बूम करे
तो अटक गया है
ये मन अटक गया है
कुछ चटक गया है
ये मन अटक गया है
तो अटक गया है
ये मन अटक गया है
कुछ चटक गया है
ये मन अटक गया है