Kasam
कसम तुम्हें कहीं नहीं जाओ
धीरे धीरे चलो करीब आओ
कसम तुम्हें कहीं नहीं जाओ
हम्म धीरे धीरे चलो करीब आओ
ये दूरियां कुछ कम करो
धड़कन मेरी सुनते रहो
कसम तुम्हें कहीं नहीं जाओ
हम्म धीरे धीरे चलो करीब आओ
तेरी दोनों बाहों में उलझा रहूँ
तेरी दोनों आँखों में खोया रहूँ
मुझे तेरी महक ने पागल किया
तुम ही कहो भला मैं अब क्या करूँ
सही गलत मुझे न समझाओ
ओ कसम तुम्हें कहीं नहीं जाओ
बारिशों की बातों में आना नहीं
मेरे सिवा कहीं तुम जाना नहीं
सारी उम्र मेरे संग भीगना
मुझे तेरे बिना अब रहना नहीं
हो सके तो यहीं पे रह जाओ
हम्म कसम तुम्हें कहीं नहीं जाओ
ये दूरियां कुछ कम करो
धड़कन मेरी सुनते रहो
कसम तुम्हें कहीं नहीं जाओ
हम्म धीरे धीरे चलो करीब आओ