Khuda Na Khasta
टुकड़ों की यह तस्वीर है
टुकड़ों में भी
लेकिन हसीं तेहरीर है
कहने को यूँ कह लीजिये
तेवर भरी से बदनुमा यह ज़ंजीर है
यह ज़िन्दगी जुआ है
किसको यकीन हुआ है
बाज़ियां न मुनासिब
कहीं बढ़ जाए न
इक तरफ़ा सफर के
लब पे यही दुआ है
कहीं न गंवारा
मोड़ कोई मुड़ जाए न
खुदा न खास्ता
खुदा न खास्ता
खुदाया खैर करे
खुदा न खास्ता
इक हाथ में सौ हाथ है
और दुसरे में रंजिशें हैं जज़्बात हैं
न जाने क्यों इसके लिए
कोहराम में कुछ
इत्मीनान सी बात है
यह ज़िन्दगी धुंआ है
किसने इसे छुआ है
तितलियों की तरह शोख़
है उड़ जाए न
एक तरफ़ा सफर के
लब पे यही दुआ है
कहीं न गंवारा
मोड़ कोई मुड़ जाए न
खुदा न खास्ता
खुदा न खास्ता
खुदाया खैर करे
खुदा न खास्ता
ओ जीने को जो आशियाना
बियाबान है
ओ पलटा उसी आशियाने
में तूफ़ान है
साइयाँ साइयाँ
दे ने दा सा नि स मा प गा मा ग रे सा नि गा रे सा
इतनी सिलवटें माज़ी में पड़ी
जीने की वजह उनसे थी बड़ी
ओ ज़ाया बात क्यूँ
शिकवों में करें
अधूरी हसरतें
दर पे हैं खडी
ओ यह ज़िन्दगी नशा है
तकलीफ में मज़ा है
इसकी फितरत में ही जंग है
छिड़ जाए न
इक तरफ़ा सफर के
लब पे यही दुआ है
कहीं न गंवारा
मोड़ कोई मुड़ जाए न
खुदा न खास्ता
खुदा न खास्ता
खुदाया खैर करे
खुदा न खास्ता
खुदा न खास्ता
खुदा न खास्ता
खुदाया खैर करे
खुदा न खास्ता