Tur Kalleyan

Amitabh Bhattacharya

लम्हों में आये लम्हों में गुम
मेरे हुए हो हिस्सों में तुम
है ज़िंदगी के किस्से कई
मिलते हो सारे किस्सों में तुम

तू आपे सवाली है
आपे ही पयम्बर है
तू खुद है तमाशा भी
आपे ही कलंदर है

बेकार तलाशे तू
दरगाह में शिवालों में
जिस यार को तू ढूंढें
वो तेरे ही अंदर है

बनी हिज्र में रातां अंगीठियां
बता कोयले वर्गा जल-भून कर
तैनू की मिलिया

तुर कल्लेयां वे छल्ला
चल वे तुर कल्लेयां
छड़ रंज दियां गलियां
चल वे तुर कल्लेयां

तुर कल्लेयां वे छल्ला
चल वे तुर कल्लेयां
छड़ रंज दियां गलियां
चल वे तुर कल्लेयां

तुर कल्लेयां तुर कल्लेयां तुर कल्लेयां
तुर कल्लेयां तुर कल्लेयां तुर कल्लेयां
तुर कल्लेयां तुर कल्लेयां तुर कल्लेयां
तुर कल्लेयां तुर कल्लेयां तुर कल्लेयां

हो लिख ले इस बात को सच्चा दिलदार तो
वही है जो दिलबर को आज़ाद कर सके
जिसके हाथों हुआ दिल चकना चूर हो
उसी यार को सजदे में याद कर सके

हो लिख ले इस बात को सच्चा दिलदार तो
वही है जो दिलबर को आज़ाद कर सके
हो जिसके हाथों हुआ दिल चकना चूर हो
उसी यार को सजदे में याद कर सके

ऐसे शख्स के आंसू की बूँद से
बियाबान बंज़र से
रेगिस्तान में भी गुल्ल खिलेया

तुर कल्लेयां वे छल्ला
चल वे तुर कल्लेयां
छड़ रंज दियां गलियां
चल वे तुर कल्लेयां

तुर कल्लेयां वे छल्ला
चल वे तुर कल्लेयां
छड़ रंज दियां गलियां
चल वे तुर कल्लेयां

इश्क़ है तेरा मस्ताना
हर फ़िक्र से बेहिस बेगाना
तू पाक परिंदा परवाज़ी
चल तोड़ के पिंजरे उड़ जाना

जिस ओर ज़मीन से अम्बर मिलिया
सुर्ख शफक सूरज ढलेया
वहीँ यार फकीरे मंज़िल तेरी
छड़ जग नु चल तुर कल्लेयां

तुर कल्लेयां वे छल्ला
चल वे तुर कल्लेयां
छड़ रंज दियां गलियां
चल वे तुर कल्लेयां

तुर कल्लेयां वे छल्ला
चल वे तुर कल्लेयां
छड़ रंज दियां गलियां
चल वे तुर कल्लेयां

Wissenswertes über das Lied Tur Kalleyan von Arijit Singh

Wer hat das Lied “Tur Kalleyan” von Arijit Singh komponiert?
Das Lied “Tur Kalleyan” von Arijit Singh wurde von Amitabh Bhattacharya komponiert.

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