Mere Naina Sawan Bhadon [Revisited]
ANAND BAKSHI, RAHUL DEV BURMAN
मेरे नैना सावन भादो
फिर भी मेरा मन प्यासा
फिर भी मेरा मन प्यासा
मेरे नैना सावन भादो
फिर भी मेरा मन प्यासा
फिर भी मेरा मन प्यासा
बात पुरानी है
एक कहानी है
अब सोचूं तुम्हें याद नहीं है
अब सोचू नहीं भूले
वो सावन के झूले
रुत आए रुत जाए देकर
झूठा एक दिलासा
फिर भी मेरा मन प्यासा
मेरे नैना सावन भादो
फिर भी मेरा मन प्यासा
फिर भी मेरा मन प्यासा