Umeed [Reprise]

Mehboob

चलो गीत उम्मीद का गुनगुनाए
जहां को ख़ुशी की कोई धुन सुनाए
ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म
हो ओ चलो गीत उम्मीद का गुनगुनाए
जहां को ख़ुशी की कोई धुन सुनाए
आ बाँटें हसी आ खुदा को मनाए
रब्ब नीचे आए

नई एक शुरुआत होने दो अपनी

बस इंसानियत ज़ात रेहने दो अपनी
मोहब्बत मोहब्बत जुबां पे हो अपनी
लगे चोट तुमको हो नम्म आँख अपनी

भले दिन भले लम्हें आएंगे फिर से
हसीं यादें मिलकर बनाएंगे फिर से
ए ए आ आ
ये दुनिया बड़ी खूबसूरत जगा है
तभी तो ख़ुदा ने हमें ये दिया है

अमन और सुकूँ ज़िन्दगी का भी हक्क है
फ़िज़ाओं में भिखराएंगे इनको हम तुम
नारी रा
ज़मीं आसमां है उसी की निशानी
म्म हम्म म्म
मिलकर इन्हें फिर सजाएंगे हम तुम
समंदर समंदर खंगालेंगे हम तुम
पहाढ़ों को मिलकर तराशेंगे हम तुम
तराशेंगे हम तुम (तराशेंगे हम तुम)
ये तोहफ़ा है कल का चलो देंगे हम तुम

Wissenswertes über das Lied Umeed [Reprise] von Babbu Maan

Wer hat das Lied “Umeed [Reprise]” von Babbu Maan komponiert?
Das Lied “Umeed [Reprise]” von Babbu Maan wurde von Mehboob komponiert.

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