Haan Aawara Hoon
आवारा हूँ हन आवारा हूँ
ज़मीन पे चलते झलकते बहते
दरिया की धारा हूँ
हन आवारा हूँ
हन आवारा हूँ
यहा का वाहा का कही का नही हू
दिशाओं का मारा हूँ
हन आवारा हूँ
हन आवारा हूँ
कभी लुहित किनारे से मिसिसिपी
होके वॉल्गा की बात सुनी
ऑटवा होके ऑस्ट्रीया
होते पॅरिस की रात क्यूनी
मैने एल्लोरा के सारे रंग
शिकागो में जेया उराए
और गॅलाइब के शेर बॉकरा
के मीनारों पे गुनगुनाए
मार्क ट्वेन के समधी
पे गॉर्की की हाल कही
रास्तों की गलियों के
लोगों का प्यारा हूँ
हन आवारा हूँ
हन आवारा हूँ
ज़मीन पे चलते झलकते बहते
दरिया की धारा हूँ
हन आवारा हूँ
हन आवारा हूँ
जहा कही देखे ज़िंदेगी
के रंग वाहा ठहर गया
आवारगी में आवारगी
को मंज़िल बना लिया
मेने देखी हैं कहीं
गगन चूमती उँची अटारी
और ख्वाब छनती देखी
हैं वही ज़िंदेगी बिचारी
कही देखी हैं कभी
चौखातों पे झूलती फुलोवरली
मुझाई कही खिल ना
सकी एक काली बेचारी
मैने देखे हैं ज़मीन
पे काए बुझते हुवे सूरज
जलता है जो आकाश में
वो रात का तारा हूँ
हन आवारा हूँ हन आवारा हूँ
यहा का वाहा का कही का नही हू
दिशाओं का मारा हूँ
हन आवारा हूँ
हन आवारा हूँ