Har Ek Ranj Mein Rahat Hai
हर एक रंज में राहत है आदमी के लिए
पयामे मौत भी मुज़दाह है ज़िंदगी के लिए
हर एक रंज मे
चमन में फूल भी हर एक को नही मिलते
चमन में फूल भी हर एक को नही मिलते
बहार आते है लेकिन किसी किसी के लिए
बहार आते है लेकिन किसी किसी के लिए
हर एक रंज में
हमारी खाक़ को दामन से झाड़ ने वाले
हमारी खाक़ को दामन से झाड़ ने वाले
सब इस मक़ाम से गुज़रेंगे ज़िंदगी के लिए
सब इस मक़ाम से गुज़रेंगे ज़िंदगी के लिए
हर एक रंज में
उन्ही के शीशा ए दिल चूर-चूर होके रहे
उन्ही के शीशा ए दिल चूर-चूर होके रहे
तरस रहे थे जो दुनिया में दोस्ती के लिए
तरस रहे थे जो दुनिया में दोस्ती के लिए
हर एक रंज में
यह सोचता हूँ ज़माने को क्या हुआ या रब
यह सोचता हूँ ज़माने को क्या हुआ या रब
किसी के दिल में मोहब्बत नही किसी के लिये
किसी के दिल में मोहब्बत नही किसी के लिये
हर एक रंज में
हमारे बाद अंधेरा रहेगा महफ़िल में
हमारे बाद अंधेरा रहेगा महफ़िल में
बहोट चराग़ जलाओगे रोशनी के लिए
बहोट चराग़ जलाओगे रोशनी के लिए
हर एक रंज में राहत है आदमी के लिए
पयामे मौत भी मुज़दाह ज़िंदगी के लिए
हर एक रंज में राहत है आदमी के लिए