Ishq Main Jalte Rahe

Hamid Hyderabadi

इश्क़ मैं जलते रहे
कल जो चरागो की तराह
इश्क़ मैं जलते रहे
कल जो चरागो की तराह
ज़िंदगी उनकी है मंज़िल के
सुरागो की तराह
इश्क़ मैं जलते रहे
कल जो चरागो की तराह
इश्क़ मैं जलते रहे

अश्क़ आँखों में
चमकते है सितारे बनकर
अश्क़ आँखों में
चमकते है सितारे बनकर
और झाम जाते है
और झाम जाते है
पलकों पे ये दागो की तराह
इश्क़ मैं जलते रहे

मैं भी एक ताज महल
अपना बनौँगा कभी
मैं भी एक ताज महल
मैं भी एक ताज महल
अपना बनौँगा कभी
सोचता रहता हूँ
सोचता रहता हूँ
शाहो के दिमाग़ो की तराह
इश्क़ मैं जलते रहे

उसने टानिस्ता अंधेरो में
मुझे रखा हैं हामिद
उसने टानिस्ता अंधेरो में
मुझे रखा हैं हामिद
मैं भी जलता रहा जलता रहा
मैं भी जलता रहा
हसरत से चरागो की तराह
इश्क़ मैं जलते रहे
कल जो चरागो की तराह
इश्क़ मैं जलते रहे

Wissenswertes über das Lied Ishq Main Jalte Rahe von Bhupinder Singh

Wer hat das Lied “Ishq Main Jalte Rahe” von Bhupinder Singh komponiert?
Das Lied “Ishq Main Jalte Rahe” von Bhupinder Singh wurde von Hamid Hyderabadi komponiert.

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