Khwab Banke

RAFIQUE HUSAIN, SULTANAT QAISER

ख्वाब बनके बिखरती जाती है
ख्वाब बनके बिखरती जाती है
रात दिल में रात दिल में
रात दिल में उतरती जाती है
ख्वाब बनके बिखरती जाती है
ख्वाब बनके ख्वाब बनके

रंग किसके चुरा लिए उसने
रंग किसके चुरा लिए उसने
रंग किसके चुरा लिए उसने
रोजो शब वो रोजो शब वो
रोजो शब वो निखरती जाती है
ख्वाब बनके बिखरती जाती है
ख्वाब बनके ख्वाब बनके

आ के उम्मीद में जलाके चराग़
आ के उम्मीद में जलाके चराग़
आ के उम्मीद में जलाके चराग़
आज तो वो आज तो वो
आज तो वो सँवारती जाती है
ख्वाब बनके बिखरती जाती है
ख्वाब बनके ख्वाब बनके

आ गया वो तो उम्र्र भर की थकान
आ गया वो तो उम्र्र भर की थकान
आ गया वो तो उम्र्र भर की थकान
जैसे पल में जैसे पल में
जैसे पल में उतरती जाती है
ख्वाब बनके बिखरती जाती है
ख्वाब बनके बिखरती जाती है
रात दिल में रात दिल में
रात दिल में उतरती जाती है
ख्वाब बनके बिखरती जाती है
ख्वाब बनके ख्वाब बनके

Wissenswertes über das Lied Khwab Banke von Ghulam Ali

Wann wurde das Lied “Khwab Banke” von Ghulam Ali veröffentlicht?
Das Lied Khwab Banke wurde im Jahr 2006, auf dem Album “Saadgee” veröffentlicht.
Wer hat das Lied “Khwab Banke” von Ghulam Ali komponiert?
Das Lied “Khwab Banke” von Ghulam Ali wurde von RAFIQUE HUSAIN, SULTANAT QAISER komponiert.

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