Faza Bhi Hai Jawan
RAVI, HASAN KAMAAL, Kamaal Hasan
फ़ज़ा भी है जवां जवां
हवा भी है रवां रवां
सूना रहा है ये समा
सुनी सुनी सी दास्ताँ
फ़ज़ा भी है जवां जवां
पुकार ते है दूर से
वो काफिले बहार के
बिखर गए है रंग से
किसीके इंतज़ार में
लहर लहर के होठ पर
वफ़ा की है कहानियां
सूना रहा है ये समा
सुनी सुनी सी दास्ताँ
बुझि मगर बुझि नहीं
न जाने कैसी प्यास है
क़रार दिल से आज भी
न दूर है न पास है
ये खेल धुप छाव का
ये पुर्वते ये दूरियां
सूना रहा है ये समा
सुनी सुनी सी दास्ताँ
हर एक पल को ढूंढता
हर एक पल चला गया
हर एक पल फिर आप का
हर एक पल मिसाल का
हर एक पल गुज़र गया
बनाके दिल पे इक निशाँ
सूना रहा है ये समा
सुनी सुनी सी दास्ताँ
फ़ज़ा भी है जवां जवां
हवा भी है रवां रवां
सूना रहा है ये समा
सुनी सुनी सी दास्ताँ
फ़ज़ा भी है जवां जवां