Lut Gaye

Manoj Muntashir

निसा सासा निसा सासा रेग रेग
निसा सासा निसा सासा रेग रेग
मध धध मध धध
निसा नि धनि धनि धप

मैने जब देखा था तुझको
रात भी वो याद है मुझको
तारे गिनते गिनते सो गया
दिल मेरा धड़का था कस के
कुछ कहा था तूने हँसके
मैं उसी पल तेरा हो गया
आसमानो पे जो खुदा है
उससे मेरी यही दुआ है
चाँद ये हर रोज़ मैं देखूं तेरे साथ में
आँख उठी मोहब्बत ने अंगड़ाई ली
दिल का सौदा हुआ चाँदनी रात में
हो तेरी नज़रों ने कुछ ऐसा जादू किया
लूट गये हम तो पहली मुलाक़ात में
हो आँख उठी

निसा सासा निसा सासा रेग रेग (आ आ आ आ)
निसा सासा निसा सासा रेग रेग (आ आ आ आ)
मध धध मध धध (आ आ आ आ)
निसा नि धनि धनि धप (आ आ आ आ)

पाँव रखना ना ज़मीन पर
जान रुकजा तू घड़ी भर
थोड़े तारे तो बिछा दू मैं तेरे वास्ते
आज़मा ले मुझको यारा
तू ज़रा सा कर इशारा
दिल जला के जगमगा दू मैं तेरे वास्ते
मेरे जैसा इश्क़ में पागल
फिर मिले या ना मिले कल
सोचना क्या हाथ ये दे दे मेरे हाथ में
आँख उठी मोहब्बत ने अंगड़ाई ली
दिल का सौदा हुआ चाँदनी रात में (आ आ आ आ)
हो तेरी नज़रों ने कुछ ऐसा जादू किया
लूट गये हम तो पहली मुलाक़ात में हो आँख उठी

निसा रेगरे सारेग पगरे सारेग पग गरे

हाँ क़िस्से मोहोब्बत के है जो किताबों में
सब चाहता हूँ मैं संग तेरे दोहराना
कितना ज़रूरी है अब मेरी खातिर तू
मुश्किल है मुश्किल है लफ़्ज़ों में कह पाना
अब तो ये आलम है तू जान माँगे तो
मैं शौंक से दे दू सौगात में
उठी मोहब्बत ने अंगड़ाई ली
दिल का सौदा हुआ चाँदनी रात में
हो तेरी नज़रों ने कुछ ऐसा जादू किया
लूट गये हम तो पहली मुलाक़ात में हो आँख उठी

Wissenswertes über das Lied Lut Gaye von Jubin Nautiyal

Wer hat das Lied “Lut Gaye” von Jubin Nautiyal komponiert?
Das Lied “Lut Gaye” von Jubin Nautiyal wurde von Manoj Muntashir komponiert.

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