Maa Ka Bulawa Aaya Hai

Manoj Muntashir

ऊँचे ऊँचे पर्वत गाये
हमको अपने पास बुलाये
किस्मत वाले होते हैं वो
मां जिनको आवाज लगाई
सपने में जगदंबा ने
अपना द्वार दिखाया हैं
आज तो रुकना मुश्किल है
माँ का बुलावा आया है

सपने में जगदंबा ने
अपना द्वार दिखाया हैं
आज तो रुकना मुश्किल है
माँ का बुलावा आया है
आज तो रुकना मुश्किल है
माँ का बुलावा आया है

मेरी आँखों में जो देखी
तूने पीड़ थोड़ी सी भी
हस्ते हस्ते मायी तेरे
नैना भरे हैं
मेरी आँखों में जो देखी
तूने पीड़ थोड़ी सी भी
हस्ते हस्ते मायी तेरे
नैना भरे हैं
तेरे जैसा कौन जग में
जब चुबे हैं कांटे पग में
मुझसे पहले माई तेरे
आंसू गिरे हैं
बेटा माँ को भूल भी जाये
माँ ने कहा भुलाया है
आज तो रुकना मुश्किल है
माँ का बुलावा आया है

सपने में जगदंबा ने
अपना द्वार दिखाया हैं
आज तो रुकना मुश्किल है
माँ का बुलावा आया है
आज तो रुकना मुश्किल है
माँ का बुलावा आया है

थोड़ी थोड़ी चढ़ते जाओ
कहते जाओ जय माता दी
पास बहोत हैं माँ का मंदिर
सब दोहराओ है माता दी
रुकने पाये ना जयकारा
सारे गाओ जय माता दी
सारे गाओ जय माता दी

पाव के छाले बोल रहे हैं
माँ के सिवा सब माया हैं
आज तो रुकना मुश्किल है
माँ का बुलावा आया है
सपने में जगदंबा ने
अपना द्वार दिखाया हैं
आज तो रुकना मुश्किल है
माँ का बुलावा आया है
आज तो रुकना मुश्किल है
माँ का बुलावा आया है

Wissenswertes über das Lied Maa Ka Bulawa Aaya Hai von Jubin Nautiyal

Wer hat das Lied “Maa Ka Bulawa Aaya Hai” von Jubin Nautiyal komponiert?
Das Lied “Maa Ka Bulawa Aaya Hai” von Jubin Nautiyal wurde von Manoj Muntashir komponiert.

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