Narayan Mil Jayega

Manoj Muntashir, Payal Dev

प्रेम प्रभु का बरस रहा है
पी ले अमृत प्यासे
सातो तीरथ तेरे अंदर
बहार किसे तलाशे

कण कण में हरि क्षण क्षण में हरि
मुस्कानो में आणुवन में हरि
मन की आंखे तूने खोली
तो ही दर्शन पाएगा
पता नहीं किस रूप में आकर
नारायण मिल जाएगा
पता नहीं किस रूप में आकर
नारायण मिल जाएगा

नियति भेद नहीं करती
जो लेती है वो देती है
जो बोयेगा वो काटेगा
ये जग करमो की खेती है

नियति भेद नहीं करती
जो लेती है वो देती है
जो बोयेगा वो काटेगा
ये जग कर्मो की खेती है

यदी कर्म तेरे पावन है सभी
डूबेगी नहीं तेरी नाव कभी
तेरी बाह पकड़ने को
वो भेस बदल के आएगा

पता नहीं किस रूप में आकार
नारायण मिल जाएगा
पता नहीं किस रूप में आकार
नारायण मिल जाएगा

नेकी व्यर्थ नहीं जाती
हरी लेखा जोखा रखते हैं
ओरो को फुल दिए जिसने
उसके भी हाथ महकते हैं

नेकी व्यथ नहीं जाती
हरी लेखा जोखा रखते हैं
ओरो को फुल दिए जिसने
उसके भी हाथ महेकते हैं

कोई दीप मीले तो बाती बन
तू भी तो किसी का साथी बन
मन को मानसरोवर कर ले
तो ही मोती पाएगा

पता नहीं किस रूप में आकार
नारायण मिल जाएगा
पता नहीं किस रूप में आकार
नारायण मिल जाएगा

कान लगाके बातें सुन ले
सूखे हुए दरख्तों की
लेता है भगवान परीक्षा
सबसे प्यारे भक्तों की

एक प्रश्न है गहरा जिसकी
हरी को था लगानी है
तेरी श्रद्धा सोना है
या बस सोने का पानी है

जो फूल धरे हर डाली पर
विश्वास तो रख उस माली पर
तेरे भाग्य माई पत्थर है तो
पत्थर ही खिल जाएगा
पता नहीं किस रूप में आकर
नारायण मिल जाएगा

पता नहीं किस रूप मैं आकार
नारायण मिल जाएगा
पता नहीं किस रूप में आकार
नारायण मिल जाएगा

Wissenswertes über das Lied Narayan Mil Jayega von Jubin Nautiyal

Wer hat das Lied “Narayan Mil Jayega” von Jubin Nautiyal komponiert?
Das Lied “Narayan Mil Jayega” von Jubin Nautiyal wurde von Manoj Muntashir, Payal Dev komponiert.

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