Phir Chala

kunnaal Verma

जो हमनवा थे अब वो खफा हैं
कल हमसफ़र थे अब हैं जुदा
क्यों आंसुओं से लिखने लगी हैं
अब ज़िंदगानी ये दास्तान
पहले थे हसे जितना
अब उतना बुरा लगता हैं
सब तो खो गया मुझसे
अब किसके लिए रुकना हैं
फिर चला फिर चला
उन् राहों से दिल चला
फिर चला फिर चला
उन् राहों से दिल चला

पाने की चाहत में खो गया
ख़्वाबों के हाथों से दिल गिर गया
टूटी जो नींदें दिखा ही नहीं
जाने कहाँ वो मुसाफिर गया
निकले थे सही करने हम
फिर भी गलत ही हुआ हैं
अनजाने में जाने कैसा
हमसे गुनाह हो गया हैं
फिर चला फिर चला
उन् राहों से दिल चला
फिर चला फिर चला
उन राहों से दिल चला

तकदीरों की इस लड़ाई में
बैठे हैं रिश्ते ये हारे हुए
बेचारे दिल को तो पूछो कोई
इसकी ख़ुशी इसको क्या चाहिए
रहती थी जहाँ रौनक
अब घर वो सुना पड़ा हैं
वो जो ख्वाब देखा थे
सौ टुकड़ो में टूटा पड़ा हैं

Wissenswertes über das Lied Phir Chala von Jubin Nautiyal

Wer hat das Lied “Phir Chala” von Jubin Nautiyal komponiert?
Das Lied “Phir Chala” von Jubin Nautiyal wurde von kunnaal Verma komponiert.

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